नई दिल्ली। हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे पर तो बहुते अच्छा बोले गुरू जी। लेकिन गौमूत्र पर गच्चा खा गये। अब हेतना बड़का ब्यापारी न बनऔ के जनता तूके बाबा रामदेव की जगह बाबा बुरबक देव कहे लागे। कछु बोले से पहिले ज्ञान ले लेवल करौ। काहे के तू गुरू हौ। आपन गुरूवाणी हे तरह बुरबकई करके न खर्च करौ।
योग गुरू से व्यापारी बने पतंजली के संस्थापक बाबा रामदेव ने एक न्यूज टीवी प्रोग्राम के दौरान बोल दिया कि गौमूत्र मुसलमानों के लिए एक औषधि है. उन्होंने कुरआन का हवाला देते हुए यह बात कही. जबकि कुरआन की जानकारी रखने वाले आलिमों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. आलिमों ने दूध देने वाले जानवरों को विशेष दर्जा देने की बात तो कही लेकिन गौमूत्र के औषधि वाले बाबा रामदेव के दावे को झूठ बताया.
इंडिया टीवी पर न्यूज एंकर रजत शर्मा के ‘आपकी अदालत’ में आये योग गुरू बाबा रामदेव से जब ये सवाल किया गया कि उनकी कंपनी पतंजलि के सभी प्रोडक्ट में गौमूत्र मिले होने का आरोप है और एक मौलवी ने उनकी कंपनी के प्रोडक्ट के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है. इस बात पर बाबा भड़क गयें. उन्होंने जवाब दिया कि कुछ लोग यह कहकर पतंजलि को निशाना बना रहे हैं कि यह एक हिंदू कंपनी है. जबकि मुसलमानों के लिए भी गौमूत्र एक औषधि है और ये बात मुस्लिम समुदाय की पवित्र धार्मिक किताब कुरआन में लिखा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘क्या मैंने कभी हमदर्द को निशाना बनाया है? मैं हमदर्द और हिमालय दवा कंपनी का भी पूर्ण समर्थन करता हूँ जो कि मुसलमान की कंपनी है. हिमालय ग्रुप के फारूक भाई ने भी योग ग्राम की स्थापना के लिए मुझे जमीन दान दी. अगर कुछ लोग इस तरह के आरोप लगाते हैं, तो वे केवल नफरत की दीवार बना रहे हैं.”
No comments:
Post a Comment